तीसरा नेत्र कैसे जागृत करें। तीसरा नेत्र खोलने का मंत्र

तीसरा नेत्र कैसे जागृत करें

तीसरा नेत्र कैसे जागृत करें। तीसरा नेत्र खोलने का मंत्र
तीसरा नेत्र कैसे जागृत करें

दोस्तों, आप सबने भगवान शिव के तीसरे नेत्र के बारे में तो सुना ही होगा या फ़ोटो में देखा होगा। आपने यह भी सुना होगा कि ऐसे बहुत से ऋषि-महर्षि थे जिन्होंने अपने साधना के बल से तीसरा नेत्र जागृत कर लिया था।
ये सब देख-सुन के जाहीर सी बात आपके मन मे बहुत सारे प्रश्न उठते होंगे, जैसे 'क्या है ये तीसरा नेत्र?' 'क्या ये दोनों आंखों के बीच मे माथे पर रहता है?' 'क्या हम भी अपना तीसरा नेत्र जागृत कर सकते है?' इत्यादि।

तो दोस्तों, आज आपके सारे प्रश्नों के उत्तर यहाँ मिलने वाले हैं, अंत तक जरूर पढ़ें।

आपने शरीर के सात चक्रों के बारे में तो सुना ही होगा। उन्ही चक्रों के छठे चक्र (जिसे आज्ञा चक्र कहते है) को तीसरा नेत्र के रूप में जाना जाता हैं। 
दोस्तों, यह बाकी के दो भौतिक आँखों की तरह माथे पर नही लगा होता, बल्कि माथे पर दोनों भौंहों के बीचोबीच छठे चक्र का केंद्र होता है, उसे ही तीसरा नेत्र कहते हैं। भगवान शिव के फोटो में जो तीसरा नेत्र दिखाया जाता है वो पूरी तरह से हम इंसानो की कल्पना मात्र ही है। 

तीसरा नेत्र चूँकि सात मूल चक्रों में छठे चक्र को कहते हैं, इसलिए इसे जागृत करने के लिए इसके पहले के पांच चक्रों को जागृत करना अनिवार्य होता है। मैं उन सातों चक्रों की सूची दे देता हूँ, अगर आप इन सातों के बारे में विस्तृत जानकारी चाहते हैं, तो हमे कमेंट में जरूर बताएं।
          
            1. मूलाधार चक्र
            2. स्वाधिष्ठान चक्र
            3. मणिपुर चक्र
            4. अनाहत चक्र
            5. विशुद्ध चक्र
            6. आज्ञा चक्र
            7. सहस्त्रार चक्र

तीसरा नेत्र कैसे जागृत करें। तीसरा नेत्र खोलने का मंत्र
आदियोगी

दोस्तो, यह हमारे भौतिक शरीर का हिस्सा नही होता है, लेकिन प्राणिक प्रणाली, अर्थात् भौतिकता से परे की जीवन प्रणाली, का हिस्सा होता है। इस चक्र को आदियोगी द्वारा बताए गए सच्चे ध्यान की स्थिति में पहुँचकर महसूस किया जा सकता है। 
इस चक्र के जागृत होने पर मन परमामनन्द की स्थिति में पहुँच जाता है, अर्थात् मन के सारे पीड़ा, क्लेश, द्वेष आदि दोष सदा के लिए नष्ट हो जाते है। इन्ही कारणों से इसे योगहृदया एवं सुखमन के नाम से भी जाना जाता है।

उपनिषदों में इसकी व्याख्या करते हुए लिखा गया है कि जो साधक इस चक्र को जागृत कर लेता है उसे अंतर्ध्वनि सुनाई देने लगता है। यह अंतर्ध्वनि स्वयं परमात्मा के शब्द होते है। जब यह ध्वनि पूर्ण रूप से स्पष्ट हो जाती है तब साधक के लिए ब्रह्माण्ड के दरवाजे खुल जाते हैं और उसे पूरे ब्रह्मांड में कही भी आने-जाने की आज्ञा मिल जाती है। इसलिए ही इसे आज्ञा चक्र कहते हैं।

तीसरा नेत्र खोलने का तरीका

इस चक्र को जागृत करने के लिए साधक को पहले मूलाधार चक्र से लेकर विशुद्ध चक्र तक जागृत करना होता है। विशुद्ध चक्र की जागृति के बाद ही साधक आज्ञा चक्र को जागृत करने के काबिल बन पाता है। इसकी जागृति के लिए स्वयं आदियोगी शिव द्वारा बताए गए ध्यान की विधियों पर अमल करना आवश्यक है।

तीसरा नेत्र कैसे जागृत करें। तीसरा नेत्र खोलने का मंत्र
आदियोगी

दोस्तों, आपने सुना होगा कि एक बार भगवान शिव पर कामदेव ने अपना बाण चलाया था, जिससे कुपित होकर भगवान शिव ने अपना तीसरा नेत्र खोला और कामदेव वहीं जलकर भस्म हो गए। 

वास्तव में हुआ ये था कि एक बार भगवान शिव जब ध्यान में बैठे थे तो उन्हें कुछ अलग प्रकार की अनुभूति हुई। जब उन्होंने गौर किया तो पाया कि यह उनके अंदर काम-वासना की उत्पत्ति हुई है। तब शिव ने अपने छठे चक्र का प्रयोग करके अपने भीतर से इस वासना को हमेशा के लिए खत्म कर दिया था। 

तो तीसरे नेत्र की यही शक्ति है कि जागृत करने वाले साधक के भीतर की हर तरह की वासना को खत्म कर सकती है और उसके बाद साधक का मन सर्वदा परमानंद में डूबा रहता है।

दोस्तों, शरीर विज्ञान में भी ठीक माथे के बिचोबिच एक ग्रंथि की खोज हुई है, जिसे पिनियल ग्रंथि कहते है। यह ग्रंथि अगर एक बार स्रावित होना आरम्भ हो जाता है तब इंसान का मन अत्यंत सुख से भर जाता है। इस ग्रंथि के स्राव से संभोग से भी ज्यादा सुख की अनुभूति होती है।

मुझे तो नही पता कि इस ग्रंथि का तीसरे नेत्र से कोई संबंध है या नही, लेकिन इसके बारे में अगर आपके मन मे कोई विचार है तो हमे जरूर बताएं।


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13 Comments
  • Unknown
    Unknown 10 नवंबर 2021 को 9:02 pm बजे

    May apna 3eye kholna chata hoo
    Kesay hoo ga or kb tk hoga

    • Spiritual world
      Spiritual world 12 नवंबर 2021 को 11:20 am बजे

      यह बिल्कुल संभव है। इसके लिए शुरुआत करने का सबसे बेहतर तरीका ध्यान है। लेकिन ध्यान का अर्थ आज शारीरिक मुद्रा समझा जाता है, जैसे पालथी लगाकर बैठना, किसी चीज पर फोकस करना आदि। असल ध्यान को जानने कर लिए हमारे ब्लॉग के "ध्यान क्या है ध्यान कैसे करे" पोस्ट को पढ़ें।

  • Unknown
    Unknown 10 नवंबर 2021 को 9:04 pm बजे

    I well open 3eye it's possible

  • SATHISH C VERMA
    SATHISH C VERMA 28 दिसंबर 2021 को 10:33 am बजे

    अत्यंत उपयोगी जानकारी के लिए सादर धन्यवाद

  • Unknown
    Unknown 21 मार्च 2022 को 9:35 pm बजे

    Om...name..shivay

  • बेनामी
    बेनामी 23 मार्च 2023 को 11:31 am बजे

    क्या मे सबसे पहले तीसरी आँख खोल सकता हू

    • बेनामी
      बेनामी 6 अगस्त 2023 को 9:17 pm बजे

      Natrobandan.kholnak.koie.manterhakaya

  • बेनामी
    बेनामी 24 नवंबर 2023 को 11:15 am बजे

    Thank You So Much, Sharing A Wonderful Post
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  • बेनामी
    बेनामी 28 नवंबर 2023 को 8:36 pm बजे

    क्या बाकी के पांच चक्रों को छोड़कर सिर्फ़ आज्ञा चक्र पर ध्यान करने पर आज्ञा चक्र जाग्रत हो सकता है

    • MultiToolFree
      MultiToolFree 25 अप्रैल 2024 को 7:02 am बजे

      Ji bilkul

    • MultiToolFree
      MultiToolFree 25 अप्रैल 2024 को 7:03 am बजे

      प्राणायाम व ॐ के ध्यान उच्चारण से ।

  • बेनामी
    बेनामी 19 जनवरी 2024 को 11:54 pm बजे

    Bhagwan Buddh ne apne Teesri Aankh ki Prakar khola tha

  • बेनामी
    बेनामी 19 जनवरी 2024 को 11:54 pm बजे

    Ham Apne teesre Netra ko kholne ke liye kahan per Dhyan Karen

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