संभावना अभी बाकी है, अभी देर नही हुई!
प्रतिदिन कुछ न कुछ नया सीखा जा सकता है। प्रत्येक मानवीय गतिविधि एक संदेश है। हर अवसर कुछ न कुछ सिखाने आता है। हमेशा कुछ न कुछ नया घटता है, जिससे ताजा सोच जन्म लेती है। रवैयों मेंं बदलाव आता है।
"कुछ नया सीखने की इच्छा व उमंग आगे बढ़ने का सूचक है। "
कभी आपने गौर किया है कि मछलियां पानी से ऊपर कूदती- फांदती क्यों हैं? क्योंकि उन्हें पानी से बाहर की, दुनिया को जानने की जिज्ञासा होती है। कुछ जानने की प्रबल इच्छा ही जीव को दायरे से बाहर निकलने को प्रेरित करती है। इंसानों के साथ भी ऐसा ही है। कमजोर जिजासा विफलता की बड़ी वजह होती है।
अब्राहम लिंकन ने एक बार कहा था 'मेरा सबसे अच्छा मित्र वह है, जो मुझे ऐसी किताब दे, जिसे मैंने पढ़ी न हो।' हमें ऐसे लोगों या किताबो के साथ रहना चाहिए, जिनसे कुछ सीख सकें और खुद में सुधार ला सकें।
जिज्ञासा को इच्छाशक्ति नाम का बह्मास्त्र समझें।
सही प्रश्न पूछना मेधावी बनने का मार्ग है। जो प्रश्न पूछता है वह पांच मिनट के लिए मूर्ख बनता है लेकिन जो नहीं पूछता वह जीवन भर मूर्ख बना रहता है।
'जिंदगी कितनी भी मुश्किल क्यों न हो, आपके पास कुछ न कुछ करने और कामयाब होने की गुंजाइश हमेशा रहती है।'
"अगर आप सोचते हैं कि मैं नहीं जानता केवल तभी जानने की संभावना आपके जीवन में हकीकत बनेगी।"
इंसान एक बूंद के बराबर जानता है, और जो नही जानता, वह महासागर के बराबर है। हर विषय का थोड़ा-थोड़ा ज्ञान हासिल कीजिए और कुछ विषयों का गहन।
सच तो यह है कि जो इंसान जितना अधिक जानता है, उसमें उतनी ही अधिक जिज्ञासा होती है।
ए• पी• जे• अब्दुल कलाम इसे एक मिसाल देकर समझाते थे कि अगर बँदर के सामने केले और पैसे रख दें, तो वह केले की ओर लपकेगा। क्योंकि वह नहीं जानता कि पैसे से केले खरीदे जा सकते है। इसी तरह अगर इंसान के सामने पैसे और ज्ञान रख दिए जाएं तो वह पैसे उठा लेगा, जो इससे बेखबर है कि ज्ञानी इंसान उससे कहीं ज्यादा पैसे कमा सकता है।
महान चित्रकार लियोनार्दो द विंची के शब्दों में, 'एक समझदार इंसान सिर्फ ज्ञान की ख्वाहिश रखता है।' तो जिंदगी के आखिरी लम्हे तक जिज्ञासा जगाए रखे।
महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के के अनुसार- समुद्री जहाज किनारों पर खड़े रहने पर सबसे ज्यादा सुरक्षित है, लेकिन वह किनारों पर खड़ा रहने के लिए नहीं बना है।