Basant panchami kab hai | बसंत पंचमी क्यों मनाई जाती हैI
ऋतुओं का राजा 'बसंत ऋतु' के आगमन का स्वागत हमारे भारतवर्ष में अनेकों त्योहारों को मनाकर किया जाता है। बसंत पंचमी भी इसमें से एक है। बसंत पंचमी का दिन माता सरस्वती को समर्पित है इसलिए इस दिन ज्ञान और संगीत का आशीर्वाद पाने की लालसा से लोग माता की पूजा-अर्चना करते हैं। तो आईये, सबसे पहले जान लें कि 2023 में बसंत पंचमी कब है:
●बसंत पंचमी कब है
2023 में अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, बसंत पंचमी दिनांक 26 जनवरी को है। वही हिन्दू पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष के पंचमी तिथि को है।
●बसंत पंचमी क्यों मनाई जाती है
'ज्ञान की देवी' माता सरस्वती की कृपा प्राप्त करना कौन नही चाहता। इसके लिए लोग अपनी-अपनी श्रद्धा अनुसार माता की पूजा करते हैं, तथा माता के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हैं। यह पर्व मुख्य रूप से ज्ञान, संगीत और कला का आशीर्वाद पाने के लिए मनाया जाता है।
बसंत पंचमी का दिन माता सरस्वती को बहुत प्रिय है, तथा साल के शुभ काल में से यह दिन भी खास है। चूँकि बसंत पंचमी एक शुभ मुहूर्त है लेकिन धार्मिक ग्रंथों में इसकी स्पष्ट व्याख्या नही है, इसलिए इस दिन को अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है। इस दिन कोई भी व्यक्ति आंख बंद कर शादी कर सकता है, घर का निर्माण कर सकता है या कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत कर सकता है।
बसंत पंचमी का दिन ऋतुओं के संधिकाल का समय होता है। शिशिर ऋतु से निकलकर प्रकृति ग्रीष्म ऋतु की ओर अग्रसर होती है। अर्थात, सुसुप्तावस्था समाप्त होकर प्रकृति में ऊर्जा का संचार होना शुरू होता है। इसलिए इस तिथि को ज्ञान, विज्ञान या किसी भी रचनात्मक कार्य का वरदान प्राप्त किया जा सकता है।
अगर आपकी कुंडली मे बुध ग्रह कमजोर है, तो माता सरस्वती की उपासना हरे फल और सब्जियां अर्पित कर करने से बुध की मुश्किलें दूर की जा सकती है। वहीं वृहस्पति अगर कमजोर हो तो विद्या और ज्ञान प्राप्त करने में बाधा होगी। ऐसे में बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा अगर पिले वस्त्र धारण कर, पिले फल और पीले फूलों से की जाए, तो वृहस्पति की समस्या का निवारण हो सकता है। अगर कुण्डली में शुक्र ग्रह कमजोर हो तो बसंत पंचमी के दिन सफेद फूलों माता सरस्वती की पूजा करने से कुंडली मे शुक्र की स्थिति सही हो जाती है।
तो इस प्रकार बसंत पंचमी साल का एक ऐसा दिन है जो आपको अनेकों लाभ दे सकता है, जिसकी बदौलत आप अपना पूरा साल सुखमयी बना सकते हैं। इस दिन कुछ खास विधि-विधानों का पालन कर जीवन की अनेक परेशानियों का समाधान प्राप्त किया जा सकता है।