पढ़ाई में मन नहीं लगता..... तो ये करें || पढ़ाई में मन न लगने का कारण
पढ़ाई में मन नहीं लगता तो ये करें
आजकल विद्यार्थियों को एक बड़े समस्या से जूझना पड़ता है और उसके समाधान के लिए वे उपाए तलाशते फिरते हैं, वो है, पढ़ाई में मन न लगना। बहुत बच्चे शिकायत करते हैं की वो पढ़ना तो चाहते हैं लेकिन ज्यादा देर तक पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पाते। पढ़ने बैठते हैं तो कुछ देर की पढ़ाई के बाद मन भटक जाता है फिर पढ़ नहीं पाते। इसके लिए आपको सबसे पहले पढ़ाई में मन न लगने के कारणों पर गौर करना चाहिए, फिर उसका समाधान निकालना चाहिए। तो पढ़ाई में मन न लगने का क्या कारण है, तथा पढ़ाई में मन नहीं लगता तो क्या उपाए करें जिससे लम्बे समय तक पढ़ सकें।![]() |
पढ़ाई में मन न लगने का कारण
देखिए, किसी कार्य को आप कितनी शिद्दत से कर पाते हैं ये इस बात पर निर्भर करेगा की उस कार्य में आपकी रुचि कितनी है, या फिर वो कार्य आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है। अगर आपने ध्यान दिया हो, तो आपको पता होगा की जब आपकी परीक्षाएँ नजदीक होती हैं, तो आप पढ़ाई में ज्यादा ध्यान दे पाते हो, लेकिन परीक्षाओं के समाप्त होते ही फिर वही मुसीबत शुरू हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि परीक्षा के समय पढ़ाई की सबसे ज्यादा जरुरत होती है, और पढ़ाई का महत्व साफ़-साफ़ दिखता है की अगर नहीं पढ़े तो परीक्षा में फ़ैल हो जायेंगे।
उसी प्रकार जिस कार्य में आपकी रुचि होती है, उस कार्य में आपको टाइम तक का भी ख्याल नहीं रहता, आप बस करते ही चले जाते है। वीडियो गेम हो, क्रिकेट हो या फिर कोई अन्य कार्य जो आपको रुचिकर लगता है उसे आप अपने पुरे फोकस से लम्बे समय तक कर पाते हो। लेकिन जब आप पढ़ने बैठते हो तो आपको भटकाने के लिए अनेकों चीजे सामने आ जाती है।
तो क्या इसका ये मतलब है की आपका दिमाग कमजोर है, या आपके भीतर ध्यान की कमी है? ऐसा बिलकुल नहीं है, क्योकि अगर आप किसी दूसरे काम को पुरे ध्यान से कर पा रहे हैं, लेकिन पढ़ाई में आपका मन नहीं लगता, मतलब ध्यान तो है लेकिन पढ़ाई में नहीं लग पा रहा है।
पढ़ाई में मन न लगने का एक और कारण ये है की आप किसी उधेड़बुन हैं। आप पढ़ाई करने बैठे हैं लेकिन किसी के मैसेज का इंतजार भी रहे हैं। या फिर घर में किसी का तबियत ख़राब है, और आपको उनकी चिंता हो रही है। तो मन की ऐसी स्थिति के साथ पढ़ाई कर पाना संभव नहीं हो सकता। इसलिए पढ़ने से पहले इस तरह के तनाव का समाधान पहले कर लें। किसी से बात करनी हो तो आप खुद से मैसेज या कॉल करके अच्छे से बात ही कर लें, और सारी कन्फ्यूज़न को मिटा लें, फिर आराम से पढ़ाई करें।
तो, पढ़ाई में ध्यान न लगने के प्रमुख तीन कारण हैं, एक तो ये की पढ़ाई का महत्व हर पल आपकी चेतना में नहीं रह पाता। दूसरा ये की पढ़ाई में आपकी रुचि बहुत निम्न स्तर की है। और तीसरा ये की आप किसी तनाव में हैं।
पढ़ाई में मन नहीं लगता, तो ये करें
किसी शायर ने कहा है, वही काम करो जिसमे तुम्हारी रुचि है, या फिर जो काम कर रहे हो उसमे रुचि पैदा कर लो।
रुचि एक ऐसी चीज है जो इंसानों से बहुत कुछ करवा देती है, लेकिन जो रुचि के ढाँचे को समझ लेते हैं, वो अपने अनुसार जरुरी कार्यो के प्रति रुचि पैदा कर सकते हैं।
तो अगर आप पढ़ना चाहते हैं, तो अपनी पढ़ाई को अपनी रुचि या अपने शौक से जोड़ने का तरीका खोजिए। जैसे जब आप किसी के पास बड़ी गाड़ी देखते हैं तो आपको मन करता होगा काश मेरे पास भी ऐसा गाड़ी होता। या किसी का घर देख के लगता होगा की मेरे पास भी ऐसा घर होता।
तो ऐसे सपने तो सबके होते हैं, लेकिन जब हर पल आप अपने सपनों को बुनना शुरू कर दोगे, तो उसे पूरा करने की ललक भी आपके अंदर पैदा होने लगेगी। जिसके परिणामस्वरूप आप प्लानिंग कर पाएंगे की उसके लिए आपको क्या करना चाहिए। फिर स्वतः ही आपका मन आपके लक्ष्य की ओर एकाग्रित होने लगेगा।
इसके अलावा अगर आप थोड़ा सा भी गंभीर व्यक्तित्व वाले होंगे तो आप वो कार्य करना पसंद करेंगे जो आपके लिए जरुरी है। तो इसके लिए आप बस अपने पढ़ाई के बारे में सोचें। पढ़ाई के प्रति गंभीर होने के लिए यह आवश्यक है की पढ़ाई का महत्व हर पल आपकी चेतना रहे।
आप काम कुछ भी करें, लेकिन मन ही मन अपने अपने सिलेबस के बारे में, अपनी किताबों के बारे में, कब कौन सा विषय पढ़ना है, किस विषय को कैसे पढ़ना है, ये सारी योजनाएं हर पल बनाते रहें। इसका आपको चमत्कारी फायदा देखने मिलेगा। ऐसा करने से पढ़ाई में आपका मन स्वतः ही लगने लगेगा, और आप लम्बे समय तक पढ़ने लगेंगे।