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इन्द्रियों पर नियंत्रण कैसे करें।।How to control the senses

इन्द्रियों पर नियंत्रण कैसे करें


देखिये, 'इन्द्रियों को काबू में कैसे करे' जानने के लिए जरूरी है कि हम इसके बुनियादी ढांचे और प्रकृति को समझें। इंद्रियों पर नियंत्रण करने को इंद्रियनिग्रह कहा जाता है।

 हमारे शरीर मे कुल 14 इंद्रियाँ होती हैं। इनमे से पाँच ज्ञानइंद्रियाँ होती हैं: आँख, नाक, कान, जीभ तथा त्वचा। इनके प्रयोग से हम चीजों को देखते, सूंघते, सुनते, चखते तथा महसूस करते हैं। 

पाँच कर्मइंद्रियाँ होती हैं: हाथ, पैर, मुख, गुदा और लिंग। इनके प्रयोग से हम दुनिया मे किन्ही कार्यो को करते हैं। 

चार अंतःकरण इंद्रियाँ होती हैं, जो हैं: मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार। यह शारीरिक इंद्रियो की अपेक्षा ज्यादा सूक्ष्म होती हैं, तथा हमारी भावनाओ को नियंत्रित करती हैं। 

 इंद्रियां शरीर और मन का हिस्सा हैं। तो अगर आप इन्द्रियों पर काबू पाने, अर्थात् इंद्रियनिग्रह, की बात कर रहे हैं, तो मूलतः आप अपने शरीर और मन दोनो पर पूर्णतः नियंत्रण पाने की बात कर रहे हैं। और अपने शरीर तथा मन पर पूर्णतः नियंत्रण होना भी चाहिए।

शरीर आपके अस्तित्व का भौतिक पहलू है, जिसमे इन्द्रियों के द्वारा शारीरिक सुखों का एहसास किया जाता है। 

(सुख और दुख क्यों आते हैं। क्या इन्हें हम नियंत्रित कर सकते हैं?)

अगर उन सुखों की चाहत इतनी बढ़ जाए, कि आपकी इंद्रियां जो माँगे उसे ही पाने के लिए आप अपने जीवन की सम्पूर्ण ऊर्जा से जुट जाए, और वो चीज आपके लिए उतनी महत्व भी न रखती हो, तो आप इंद्रियों के गुलाम बन चुके हैं।

इसका ये भी मतलब है कि आप मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं। क्योंकि इन्द्रियों को आपके अनुसार काम करना चाहिए, न कि आपको इंद्रियों के।

आपकी प्रत्येक भौतिक पहलू इस भौतिक दुनिया से जुड़े रहने का साधन मात्र है। जब वे सभी निष्क्रिय हो जाते हैं तब आप और ज्यादा इन भौतिक्ताओं से जुड़े नही रह पाते, उसे ही मृत्यु कहा जाता है। आपको ये समझना होगा कि आप अपने शरीर, मन, विचार आदि भौतिक पहलुओं के अलावा भी कुछ तो जरूर हैं, जो की अभौतिक है। 

हम अपनी भौतिक जरूरतों को इतना ज्यादा महत्व दे देते हैं, जैसे वही हमारे लिए सबकुछ हो। लेकिन अभौतिक स्वरूप भैतिक के मुकाबले कहीं ज्यादा शक्तिशाली और विस्तृत है। जो कि आप स्वयं है। वही अभौतिक स्वरूप 'मैं कौन हूँ' का जवाब है और परम् सत्य भी।

(क्या भगवान होते हैं? गौतम बुद्ध का जवाब सुनें।)


इन्द्रियों पर नियंत्रण

इंद्रियों का अपने नियंत्रण में रहना कोई बड़ी बात नही है। बल्कि ये तो वैसा ही है जैसा होना चाहिए। लेकिन अगर इंद्रियां आपके वश में नही हैं, तो इसका मतलब आपके अंदर जरूर कोई गड़बड़ी है। और दुर्भाग्य से इस गड़बड़ी को सामान्य स्थिति समझा जाता है, और जो वास्तव में सामान्य स्थिति है, उसको अध्यात्मिक स्तर पर कुछ हासिल करने जैसा।

आपको इंद्रियों को वश में करने के लिए बस खुद का मुआयना करने की जरूरत है। इसके लिए आपको अपने भीतर देखने की जरूरत है, उस सत्य का अनुभव करने कि जरुरत है, जो हमेशा से मौजूद है। लेकिन जीवन को हम बस सीमित आयामों के जरिए ही अनुभव कर पाते हैं, वो है मन। यही कारण है कि हम इंद्रियों के गुलाम बन जाते हैं, और इसका समाधान बाहर ढूंढते फिरते हैं।

जब आप जीवन को मन से परे जाकर अनुभव कर पाएंगे, तब बहुत संभावना है कि आप अपनी इन्द्रियों को और अपने मन को पूर्णरूपेण अपने वश में कर लें।

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19 टिप्पणियाँ

  1. इंद्रियों को अपने वस मे करने के लिए खुद का मुआयना कैसे करे??

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  2. Mera nam sachin hai meri in driya man vas meh na hi hay

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  3. K vasna ko cantrol karne ka please upay bataye

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  4. K vasna ko cantrol karne ka please upay bataye

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  5. Indriyo aur maan ko kabu karne ke liye physically kya karna chahiye

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    उत्तर
    1. aapki indriya aapke physical sharir ka hi hissa hai, tatha aapka man aapke bheeter ke hormones tatha neurons se sanchalit hota hai, to ek tarah se man bhi physical hi hota hai. Isliye nissandeh aap physical abhyaas se man tatha indriyo ko control kar sakte hain. Iske liye sabse aap apni daily routine healthy rakhe. Subah jaldi uthe, yogabhyaas kare, dhyaan kare. Agar man me koi achha vichaar aaye to uspar jyada vichaar kiye bina turant apni jivanshaili ka hissa bana le.

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  6. isse aapko madad milegi: https://www.conscious-india.in/2021/06/Man-kya-hai.html#more

    iske alawa dhyaan man ko niyantran me rakhne ka chuk upaaye hai. Sachcha dhyaan ka arth yaha se jaane aur sikhe : https://www.conscious-india.in/2021/06/Dhyaan-kaise-kare.html#more

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  7. Main aap logo ke comments padhe lekin kuch samjha nhi sir hame yah batao ki ham Aisa kya kam kare jisse man aur sarir control me rahe

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  8. जिनके कान है वह सुन लो जिसके आंख है वह देख लो की अगर आप अपने मन के परे जीवन जीने लगे तो संभवत है की आप की इंद्रियां आप के कंट्रोल मे है

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  9. yadi bhagvan avtar lekar lila nahi karte to manusya ki kya durdsha hota

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